GS PAPER IV
ETHICS
क्या एक सरल और सहज नैतिकता निजी और सार्वजनिक रूप से समान रूप से परिलक्षित होती है? क्या व्यक्तिगत नैतिक भ्रष्ट सार्वजनिक जीवन में नैतिक रूप से सही हो सकता है या इसके विपरीत? इस संबंध में अपनी राय प्रस्तुत करें?
IS there a one simple, seamless morality, reflected equally in private and in public? Can a personal moral corrupt be morally right in public life or vice versa? Present your opinion in this regard?
Refrence: The Hindu