झारखण्ड लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा, पत्र-II
पूर्णांक- 150 समय: 3 घंटे
खण्ड-I
(क) हिन्दी भाषा का इतिहासः
हिन्दी का उद्भव और विकास, अपभ्रंश, अवहट्ट, पुरानी हिन्दी, भाषा परिवार, भाषा
परिवार का वर्गीकरण, ध्वनी विज्ञान देवनागरी लिपि का उद्भव और विकास, देवनागरी लिपि के गुण एवं दोष,
शब्द-शक्ति, शब्द भंडार, बोलचाल की भाषा, रचनात्मक भाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा, संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी।
(ख) काव्य शास्त्रः
काव्य की परिभाषा, काव्य के लक्षण, काव्य-हेतु, काव्य प्रयोजन, साधारणीकरण, रक्ष, छंद अलंकार
(ग) प्रयोजनमूलक हिन्दीः
प्रयोजनमूलक हिन्दी, कार्यालयी हिन्दी, जनसंचार भाषा के रूप में हिन्दी, व्यवसायिक हिन्दी
(घ) व्याकरणः
संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, कारक, समास, मुहावरे, उक्तियाँ, संधि विच्छेद, अनेकार्थक शब्द
खण्ड- II
(क) हिन्दी भाषा का इतिहासः
हिन्दी साहित्योतिहास लेखन की समस्या एवं परम्परा, साहित्योतिहास दर्शन, काल विभाजन,
आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, गद्य का उद्भव और
विकास, कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी, आलोचना, निबंध, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्टज, आत्मकथा, जीवनी का
उद्भव एवं विकास, प्रमुख कवियों कहानिकारों, उपन्यासकारों, नाटककारों, आलोचकों की रचनाओं का सामान्य
परिचय
(ख) आलोचनात्मक और व्याख्यात्मकः
कबीर- कबीर ग्रंथावली सं- श्यामसुन्दर दास – प्रारंभिक 50 साखी
सूरदास-भ्रमरगीत-सं- रामचन्द्र शुक्ल-प्रारंभिक 50 पद
तुलसीदास – रामचरितमानस – अयोध्या काण्ड
बिहारी – बिहारी रत्नाकार
संपादक – जगन्नाथ दास रत्नाकार दोहा संख्या- 1, 38, 67. 70, 112, 121, 154, 191, 192, 201
जयशंकर प्रसाद-कामायनी- श्रद्धा सर्ग
निराला- राम की शक्तिपूजा
अज्ञेय-कितनी नावों में कितनी बार
दिनकर-कुरुक्षेत्र (पहला सर्ग)
मुक्तिबोध-अंधेरे में (भाग एक)
(ग) आलोचनात्मक और व्याख्यात्मकः
नाटकः
भारतेन्दु हरिशचन्द्र – भारत दुर्दशा
जयशंकर प्रसाद – चन्द्रगुप्त
मोहन राकेश – आधे-अधूरे
उपन्यास:-
प्रेमचन्द्र – गोदान
फणीश्वरनाथ रेणु – मैला आँचल
श्री लाल शुक्ल – राग दरबारी
कहानीः
प्रेमचन्द्र – कफ़न, ईदगाह, बूढ़ी काकी एवं नमक का दारोगा
जैनेन्द्र कुमार – पाजेब
जयशंकर प्रसाद – गुंडा
यशपाल – अभिशप्त
भीष्म साहनी – चीफ की दावत
उषा प्रियवंदा – वापसी
ज्ञान रंजन – पिता
ओम प्रकाश बाल्मीकि – यह अन्त नहीं
चन्द्रधर शर्मा, गुलेरी – उसने कहा था
(घ) निबंध: समसामयिक, सामाजिक, राजनीतिक, प्राकृतिक विषय पर निबन्ध लेखन