Hindi Literature Answer Writing – The Core IAS

Hindi Literature Answer Writing - 2024

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UPSC वैकल्पिक विषय - हिंदी साहित्य

Start Date : 20th October

UPSC वैकल्पिक विषय - हिंदी साहित्य

प्रश्नपत्र- 1

खंड : 'क' (हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास )

  • अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त स्वरूप ।
  •  मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास ।
  • सिद्ध एवं नाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों और दक्खिनी हिन्दी में खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
  • उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास। 
  • हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण । 
  • स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
  • भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
  • हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास । 
  • हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबंध। 
  • नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
  • मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना

'खंड : 'ख' ( हिन्दी साहित्य का इतिहास )

  • हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ 
  • (क) आदिकालः सिद्ध, नाथ और रासो साहित्य | प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति । 
  • (ख) भक्ति काल: संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा । प्रमुख कवि : कबीर, जायसी, सूर और तुलसी । 
  • (ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य प्रमुख कवि केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद । 
  • (घ) आधुनिक काल: 1. नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल (ख) प्रमुख लेखक : भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र । 
  • (ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ । छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता | प्रमुख कवि मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय‘, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन ।

'खंड : 'ख' ( हिन्दी साहित्य का इतिहास )

  • हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ 
  • (क) आदिकालः सिद्ध, नाथ और रासो साहित्य | प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति । 
  • (ख) भक्ति काल: संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा । प्रमुख कवि : कबीर, जायसी, सूर और तुलसी । 
  • (ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य प्रमुख कवि केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद । 
  • (घ) आधुनिक काल: 1. नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल (ख) प्रमुख लेखक : भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र । 
  • (ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ । छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता | प्रमुख कवि मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन’ ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन ।

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