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सामान्य हिन्दी

GENERAL HINDI

निर्धारित समय: तीन घंटे                                                                                                                                                   अधिकतम अंक : 150

Time Allowed: Three Hours                                                                                                                                     Maximum Marks: 150

 उत्तर देने से पूर्व निम्नलिखित निर्देशों को कृपया सावधानीपूर्वक पढ़ें :

(i) सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।

(ii) प्रत्येक प्रश्न के अंत में निर्धारित अंक अंकित हैं।

(iii) पत्र, प्रार्थना पत्र या किसी अन्य प्रश्न के उत्तर के साथ अपना अथवा अन्य किसी का नाम, पता (प्रश्नपत्र में दिये गये नाम, पदनाम आदि को छोड़कर) एवं अनुक्रमांक न लिखें । आवश्यक होने पर क, ख, ग का उल्लेख कर सकते हैं।

 

Please read each of the following instructions carefully before attempting questions:

(i) All questions are compulsory.

(ii) Marks are given against each of the question.

(iii) Do not write your or another’s name, address (excluding those name, designation etc. given in the question paper) and roll no. with letter, application or any other question. You can mention क, ख, ग if necessary.

 

1. निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

हमारा सांसारिक जीवन एक-न-एक दिन खत्म होगा ही लेकिन हमें स्मरण रखना चाहिए कि हमारी देह एक मशाल है जो निरंतर संसार को, समाज को आलोकित कर उसका मार्गदर्शन कर सकती है। यानी हमारा यह जीवन निष्प्रयोजन नहीं होना चाहिए, समाज के लिए हमें एक कर्मठ एवं ओजस्वी जीवन का अभिलाषी होना चाहिए। हमें असहाय, निर्बलों का संबल बनना चाहिए, हमारा संपूर्ण सांसारिक जीवन किसी उत्तम लक्ष्य की प्राप्ति में व्यतीत होना चाहिए कि हम इस संसार से जाएँ तो लोग हमें स्मरण कर सकें। हमारे जीवन का लक्ष्य सत्कर्म है और सत्कर्म हमारी देह के माध्यम से ही हो सकता है। हम हमारे कार्यों को अपनी देह के संचालन के द्वारा ही तो संपादित करते हैं। यदि हमारे कार्य इतने संकीर्ण हों, केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए हों तो फिर देह हमारे घर में जल रहे एक दीपक की तरह ही होगी जिसके प्रकाश का लाभ केवल हमें ही मिलेगा। किंतु यदि हम लोकहित के कार्यों में संलग्न हैं तो समझिए कि हमारी देह एक मशाल की तरह है जिसकी रोशनी से दूसरे न केवल प्रभावित हैं बल्कि प्रेरित भी हैं। मशाल में वह ताकत है कि दूसरों में उत्साह भर कर अन्य मशालों को आमंत्रित कर सकती है और अन्याय-उत्पीड़न रूपी अंधकार में विरोध का, आजादी का, नये परिवर्तन का प्रकाश फैला सकती है।

(क) उपरि लिखित गद्य का आशय अपने शब्दों में लिखिए ।

(ख) ‘जीवन निष्प्रयोजन नहीं होना चाहिए’ से क्या अभिप्रेत है ?

(ग) गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए ।

 

2. नैतिकता हमारे लिए सामाजिक मानदंड उपस्थित करती है क्योंकि यह उचित और अनुचित का ज्ञान कराती है। नैतिक नियमों में चरित्र निर्माण की महत्ता पर जोर दिया जाता है और उन्हें माननेवाले कर्तव्य की भावना से प्रेरित होकर व्यवहार करते हैं। नैतिकता महज इसलिए नहीं मानी जाती कि पूर्वज भी ऐसा मानते आए हैं, बल्कि वह इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसके पीछे न्याय, पवित्रता, औचित्य व दृढ़ता होती है। नैतिकता आत्म-चेतना से प्रेरित होती है। रूढ़ियाँ तो तर्कपूर्ण नहीं होती, किंतु नैतिकता का आधार मनुष्य के जीवन मूल्य होते हैं जिनके अनुसार वे तर्कों का निर्माण कर लेते हैं। नैतिकता रूढ़ियों व जनरीतियों की अपेक्षा स्थायित्व लिए रहती हैं। नैतिकता का एक और अर्थ हो सकता है, जिसका संबंध एक समूह-विशिष्ट से होता है, जैसे, डॉक्टरों की नैतिकता, प्राध्यापकों की नैतिकता आदि । यह आचारशास्त्र के निकट है। धर्म अक्सर नैतिक सिद्धांतों का समर्थन करता है। नैतिक सिद्धांतों का परिपालन धर्म के भय के कारण होता है, क्योंकि बहुत से नीति-नियमों की उत्पत्ति धर्म से बतलायी गयी है। भारत में कर्म, पुनर्जन्म एवं स्वर्ग-नरक की अवधारणाएँ धर्म द्वारा प्रतिपादित हैं। ये अवधारणाएँ सुव्यवस्थित सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होती हैं। यदि व्यक्ति नैतिकता का पालन नहीं करता है तो उसको अपराधी माना जाता है, जबकि धर्म का पालन न करने पर वह पाप का भागी बनता है। आवश्यक नहीं कि सभी प्रकार के नैतिक व्यवहारों की प्रकृति धार्मिक हो ।

उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

(क) गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए ।

(ख) धर्म और नैतिकता का संबंध स्पष्ट कीजिए ।

(ग) गद्यांश का संक्षेपण (लगभग एक तिहाई शब्दों में) कीजिए ।

 

3. (क) जिला कलेक्टर की ओर से मंडल आयुक्त को एक पत्र लिखिए। इस पत्र में राज्य सरकार द्वारा घोषित ‘स्वच्छता सप्ताह’ के दौरान जिले में किये गये विविध कार्यों का विवरण हो ।

(ख) जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से एक आदेश जारी कीजिए। जिसमें श्री राम सिंह, व्याख्याता, गणित, उच्च माध्यमिक विद्यालय ‘क’ नगर को उच्च माध्यमिक विद्यालय, ‘ख’ नगर में तत्काल प्रभाव से दो माह की प्रतिनियुक्ति हेतु आदेशित किया गया हो ।

 

4. निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए ।

मसृण, त्याज्य, उद्धत, ज्ञेय, पाच्य, प्रखर, धृष्ट, संघटन, अभिज्ञ, अनिवार्य

 

5. (क) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों का निर्देश कीजिए । पर्यटन, प्रतीक्षा, अन्वेषण, निरूपण, अध्यक्ष

(ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्ययों को पृथक् कीजिए । वैष्णव, ग्रामीण, वाणिज्य, गड़रिया, कौन्तेय

 

6. निम्नलिखित वाक्यांशों या पदबंधों के लिए एक-एक शब्द लिखिए ।

(1) अनिश्चित जीविका ।

(2) बच्चों से लेकर बूढ़ों तक ।

(3) चार अंगों वाली सेना ।

(4) पेट की आग ।

(5) दूसरों के दोष निकालने की जिसकी प्रवृत्ति हो ।

 

7. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिए ।

(1) जीवन और साहित्य का घोर संबंध है।

(2) इतने में हल्की सी हवा का झोंका आया ।

(3) जंगली फल और झरनों का पानी पीकर हम आगे बढ़े ।

(4) सीता ने माला गूँध ली ।

(5) उसने अपने पाँव से जूता निकाला ।

 

(ख) निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए ।

वाल्मीकी, अन्ताक्षरी, संग्रहीत, हृष्ट पुष्ट, धुरंदर

 

8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों का अर्थ लिखिए और उनका वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाये ।

(1) बिल्ली के गले में घंटी बाँधना ।

(2) कुएँ में भाँग पड़ना ।

(3) उड़ती चिड़िया के पंख गिनना ।

(4) बहती गंगा में हाथ धोना ।

(5) डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना ।

(6) दमड़ी की हाँड़ी गई कुत्ते की जात पहचानी गई ।

(7) नाच न जाने आँगन टेढ़ा ।

(8) थोथा चना बाजे घना ।

(9) छछूदर के सिर में चमेली का तेल ।

(10) जहाँ देखे तवा परात वहीं गुजारे सारी रात ।