The Hindu Editorial Analysis in Hindi
3 November 2025
आदर्श युवा ग्राम सभाओं का विजन
(Source – The Hindu, International Edition – Page No. – 8)
विषय: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र II: पंचायती राज संस्थाएँ | सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र IV: नागरिक नैतिकता, नेतृत्व
संदर्भ
भारत की लोकतांत्रिक संरचना तीन स्तंभों पर आधारित है — लोक सभा, विधान सभा और ग्राम सभा। जहाँ पहले दो संस्थान व्यापक जनध्यान आकर्षित करते हैं, वहीं ग्राम सभा, जो 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुच्छेद 243A के अंतर्गत स्थानीय लोकतंत्र की आधारशिला मानी जाती है, प्रायः उपेक्षित रह जाती है। इसी जनभागीदारी की भावना को पुनर्जीवित करने हेतु वर्ष 2025 में पंचायत राज मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा Aspirational Bharat Collaborative के सहयोग से मॉडल यूथ ग्राम सभा (Model Youth Gram Sabha – MYGS) की शुरुआत की।

ग्राम सभाओं के पुनर्जीवन की आवश्यकता
यद्यपि ग्राम सभा प्रत्येक मतदाता के लिए एक संवैधानिक मंच है जहाँ बजट, विकास योजनाओं और स्थानीय प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया जा सकता है, फिर भी सहभागिता का स्तर अत्यंत निम्न है।
- विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय संस्थानों (जैसे लोक सभा या संयुक्त राष्ट्र मॉडल) पर तो बल दिया जाता है, परंतु स्थानीय शासन संरचनाओं पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया जाता है।
- परिणामस्वरूप, युवाओं की लोकतंत्र की समझ केवल चुनावों तक सीमित रह जाती है, न कि दैनिक निर्णय प्रक्रिया तक।
मॉडल यूथ ग्राम सभा के उद्देश्य
मॉडल यूथ ग्राम सभा का उद्देश्य लोकतंत्र को अनुभवात्मक शिक्षा (Experiential Learning) के माध्यम से जीवंत बनाना है।
- विद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्र सरपंच, वार्ड सदस्य, शिक्षक और ग्रामवासी की भूमिकाएँ निभाते हुए स्वच्छता, जल, शिक्षा जैसे स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
- यह पहल नागरिक शिक्षा (Civic Education) और वास्तविक शासन अनुभव के बीच एक सेतु का कार्य करती है।
- इससे नागरिक शास्त्र की शिक्षा केवल पाठ्यज्ञान न रहकर भागीदारी आधारित व्यवहारिक अनुभव में परिवर्तित होती है।
- इसका व्यापक उद्देश्य “पंचायती लोकतंत्र” को विकसित भारत (Viksit Bharat) की भावना से जोड़ना और स्थानीय स्वशासन को आकर्षक व प्रेरणादायी बनाना है।
क्रियान्वयन एवं विस्तार
चरण I (2025):
- देश के 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में 1,000 से अधिक विद्यालयों, जिनमें जवाहर नवोदय विद्यालय एवं एकलव्य मॉडल विद्यालय शामिल हैं, में इसकी शुरुआत की गई।
- अब तक 1,238 से अधिक शिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न हो चुका है और यह कार्यक्रम राष्ट्रव्यापी स्तर पर जारी है।
- चरण II में इस पहल का विस्तार जिला परिषद विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालयों तक किया जा रहा है।
- कार्यक्रम में शिक्षक प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं प्रमाणन प्रणाली शामिल है ताकि अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
अनुभव से परिवर्तन की ओर
मॉडल यूथ ग्राम सभा निम्न मूल्यों का विकास करती है —
- नागरिक गौरव और स्थानीय नेतृत्व क्षमता।
- अधिकारों और दायित्वों की समझ स्थानीय शासन के संदर्भ में।
- सर्वसम्मति निर्माण, संवाद और प्रस्ताव पारित करने की व्यावहारिक दक्षता।
विद्यालयों में इस मॉडल को संस्थागत रूप देने से नागरिक शिक्षा को जीवंत लोकतांत्रिक अनुभव में परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थी भविष्य में सजग मतदाता और सामुदायिक नेता के रूप में विकसित हो सकें।
महत्व
- यह पहल 73वें संविधान संशोधन द्वारा परिकल्पित नीचे से ऊपर तक के लोकतांत्रिक ढाँचे को सशक्त बनाती है।
- नागरिकता शिक्षा और शासन व्यवहार के बीच की दूरी को पाटती है।
- युवाओं को स्थानीय शासन को केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक श्रेष्ठ नागरिक कर्तव्य के रूप में देखने के लिए प्रेरित करती है।
- सक्रिय, उत्तरदायी एवं सहभागी लोकतंत्र के लिए भविष्य के नागरिकों को तैयार करती है।
निष्कर्ष
मॉडल यूथ ग्राम सभा युवाओं में नागरिक चेतना का संचार कर ग्राम स्तर पर लोकतांत्रिक भावना को पुनर्जीवित करती है। यह लोकतंत्र को अमूर्त सिद्धांत से निकालकर जीवित अनुभव में बदल देती है — जहाँ नागरिक शासन में सह-स्वामित्व (Co-ownership) की भावना विकसित करते हैं।
“जब बच्चे विद्यालयों में सरपंच की तरह बहस करते हैं, तब वे यह सीखते हैं कि लोकतंत्र कोई तमाशा नहीं, बल्कि साझा नागरिक आदत है।”