The Hindu Editorial Analysis in Hindi
16 December 2025
एक व्यापक विकास मॉडल
(Source – The Hindu, International Edition – Page No. – 8)
विषय: GS 3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों को जुटाने, विकास, प्रगति और रोज़गार से संबंधित मुद्दे
संदर्भ
औद्योगिक विकास, सामाजिक कल्याण और सततता के संतुलित समन्वय ने तमिलनाडु को अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित किया है।

परिचय
विविधीकृत अर्थव्यवस्था, सुदृढ़ अवसंरचना तथा प्रगतिशील शासन व्यवस्था के कारण तमिलनाडु ने आर्थिक विकास और समावेशी वृद्धि के क्षेत्र में राष्ट्रीय नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी सशक्त पहचान बनाई है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, देश की दूसरी सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था तमिलनाडु का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2023–24 में 26.88 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024–25 में 31.19 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 16 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक वृद्धि दर है।
राज्य ने पिछले तीन वर्षों में भी सुदृढ़ विकास गति बनाए रखी है—2021–22 में 15.91 प्रतिशत, 2022–23 में 14.47 प्रतिशत तथा 2023–24 में 13.34 प्रतिशत की वृद्धि।
वास्तविक मूल्यों पर, तमिलनाडु ने 2024–25 में 11.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की, जिससे वह भारत का सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला राज्य बन गया। यह राष्ट्रीय औसत विकास दर 6.5 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
विभिन्न क्षेत्रों में विकास
विनिर्माण एवं औद्योगिक विकास
द्वितीयक क्षेत्र, विशेष रूप से विनिर्माण, तमिलनाडु की आर्थिक शक्ति का प्रमुख आधार रहा है, जिसने राज्य को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
पिछले चार वर्षों में विनिर्माण क्षेत्र के अंतर्गत राज्य घरेलू उत्पाद में 1.46 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जो महाराष्ट्र में दर्ज वृद्धि से लगभग दोगुनी है।
2021–22 से 2024–25 की अवधि में औसत वास्तविक विनिर्माण वृद्धि दर 9.38 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु सभी राज्यों में प्रथम स्थान पर है।
राज्य में 40,121 कारखाने संचालित हैं तथा 24.75 लाख श्रमिक इनमें कार्यरत हैं, जिससे यह कारखाना रोजगार के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर है।
39 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के साथ तमिलनाडु राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जो सशक्त उद्यमशील पारितंत्र को दर्शाता है।
निर्माण क्षेत्र ने औद्योगिक विकास को समर्थन प्रदान किया है, जहाँ 2023–24 में 15.93 प्रतिशत तथा 2024–25 में 11.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र और चमड़ा निर्यात में अग्रणी है तथा इंजीनियरिंग निर्यात में दूसरे स्थान पर है। वस्तु निर्यात 2020–21 में 26.15 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024–25 में 52.07 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
तमिलनाडु एक प्रमुख ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र, नवीकरणीय ऊर्जा का अग्रदूत तथा ऐसा एकमात्र राज्य है जहाँ प्रत्येक जिला किसी न किसी औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत आता है।
स्थापित विद्युत क्षमता 2021–22 में 35,139 मेगावाट से बढ़कर 2024–25 में 42,772 मेगावाट हो गई, जिससे औद्योगिक विस्तार को पर्याप्त ऊर्जा समर्थन प्राप्त हुआ।
सेवा क्षेत्र, मानव संसाधन एवं निवेश वातावरण
सेवा क्षेत्र, जो राज्य के सकल मूल्य वर्धन का 53.6 प्रतिशत योगदान देता है, ने 2024–25 में 11.3 प्रतिशत की सुदृढ़ वास्तविक वृद्धि दर्ज की।
रियल एस्टेट, लोक प्रशासन, परिवहन, भंडारण एवं संचार तथा अन्य सेवाओं जैसे अनेक उप-क्षेत्रों में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई, जो व्यापक और संतुलित विस्तार को दर्शाती है।
तमिलनाडु में भारत की सर्वाधिक तकनीकी शिक्षण संस्थाएँ स्थित हैं, जो एक कुशल, अनुशासित और तकनीकी रूप से दक्ष कार्यबल तैयार करती हैं। यह सशक्त मानव संसाधन आधार विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करता रहा है।
राज्य अनुसंधान पार्कों, नवाचार केंद्रों और उद्यम संवर्धन संस्थानों में निवेश कर रहा है, जिससे ज्ञान-आधारित और प्रौद्योगिकी-उन्मुख अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल रहा है।
वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद तमिलनाडु प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने वाले शीर्ष राज्यों में बना हुआ है।
2022–23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2,169 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2023–24 में बढ़कर 2,436 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया तथा इसके बाद अगले वर्ष 3,681 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
वर्ष 2024 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में राज्य ने 6.64 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 631 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री द्वारा अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी की निवेश यात्राओं के माध्यम से 23,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
कल्याण-आधारित सामाजिक विकास
तमिलनाडु सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशन को केंद्र में रखते हुए अनेक नवाचारी कल्याणकारी योजनाएँ प्रारंभ की हैं।
इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से मानव विकास संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वर्ष 2023 में शिशु मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर मात्र 12 रही तथा जन्म दर भी 12 दर्ज की गई।
वर्ष 2022–23 में राज्य की बहुआयामी गरीबी दर केवल 1.43 प्रतिशत रही, जो देश में सबसे कम में से एक है।
जीवन प्रत्याशा के मामले में तमिलनाडु 73.4 वर्ष के साथ राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण में सुधार को दर्शाता है।
उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 47 प्रतिशत के साथ राज्य प्रथम स्थान पर है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। महिला नामांकन अनुपात में भी राज्य अग्रणी स्थानों में शामिल है।
ये सभी उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि तमिलनाडु की कल्याण-आधारित विकास रणनीति ने समावेशी और संतुलित विकास को सुनिश्चित किया है।
आर्थिक रैंकिंग एवं राजकोषीय स्थिरता
तमिलनाडु निर्यात तैयारी सूचकांक में प्रथम स्थान पर है, जो इसकी वैश्विक व्यापार क्षमता को दर्शाता है।
राज्य का ऋण-जमा अनुपात 120.5 प्रतिशत है, जो सशक्त वित्तीय प्रणाली का संकेत देता है।
कुल निर्यात और प्रति व्यक्ति राज्य घरेलू आय दोनों में तमिलनाडु राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे स्थान पर है।
केंद्रीय हस्तांतरण में कमी के बावजूद राज्य ने समष्टि-आर्थिक स्थिरता बनाए रखी है।
वर्ष 2025–26 के लिए राजकोषीय घाटा राज्य घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत अनुमानित है, जो राजकोषीय अनुशासन के अनुरूप है।
ऋण-से-राज्य घरेलू उत्पाद अनुपात 2021–22 में 27 प्रतिशत से घटकर 2024–25 में 26 प्रतिशत हो गया है, जो विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है।
निष्कर्ष
तमिलनाडु की सुदृढ़ आर्थिक वृद्धि, नियंत्रित मुद्रास्फीति, बढ़ते विदेशी निवेश और मजबूत निर्यात प्रदर्शन ने राज्य को 2031 तक एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से अग्रसर कर दिया है। वैश्विक अनिश्चितताओं और केंद्रीय वित्तीय सहायता में कमी के बावजूद तमिलनाडु इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सुदृढ़ और सक्षम स्थिति में बना हुआ है।