The Hindu Editorial Analysis in Hindi
18 August 2025
नई शुरुआत: अलास्का शिखर सम्मेलन और यूक्रेन युद्ध पर
(Source – The Hindu, International Edition – Page No. – 8)
Topic : GS2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रसंग
शांति तभी स्थायी रह सकती है जब यूक्रेन की सुरक्षा दृढ़ता से संरक्षित हो।

परिचय
एंकोरेज, अलास्का में आयोजित ट्रंप–पुतिन शिखर वार्ता भले ही यूक्रेन युद्ध पर किसी बड़े ब्रेकथ्रू तक न पहुँच सकी हो, लेकिन इसने मतभेदों को कुछ हद तक कम करने की दिशा में सतर्क प्रगति का संकेत दिया। दो परमाणु शक्तियों के बीच संबंध लंबे समय से अविश्वास और शत्रुता से प्रभावित रहे हैं। फिर भी, नए आर्म्स कंट्रोल पैक्ट और कूटनीतिक प्रयासों के पुनर्जीवन की संभावना ने इस वार्ता को पूर्वी यूरोप और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्त्वपूर्ण बना दिया है।
शिखर सम्मेलन का संदर्भ और महत्व
- स्थान: एंकोरेज, अलास्का
- नेता: डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका) और व्लादिमीर पुतिन (रूस)
- मुख्य मुद्दा: यूक्रेन युद्ध – सबसे विवादास्पद एजेंडा बिंदु
महत्व:
- अमेरिका–रूस संबंध लम्बे समय से अविश्वास और टकराव से घिरे हुए हैं।
- परमाणु शक्तियों के बीच स्थिरता और पूर्वानुमेयता की आवश्यकता है।
- पुतिन ने नए आर्म्स कंट्रोल पैक्ट की संभावना के संकेत दिए।
- बिना यूक्रेन शांति के रिश्तों का पुनर्निर्माण असंभव।
यूक्रेन संघर्ष पर पक्ष
यूक्रेन और यूरोप का रुख:
- तत्काल युद्धविराम की माँग।
- ट्रंप ने शिखर सम्मेलन से पहले इसका समर्थन किया।
रूस का रुख:
- युद्धविराम से इनकार।
- “मूल कारणों” को हल करने वाली व्यापक शांति समझौते की प्राथमिकता।
ट्रंप का रुख (सम्मेलन में):
- रूस के दृष्टिकोण के करीब रुख।
- प्रत्यक्ष शांति समझौते को सर्वोत्तम रास्ता बताया।
- पुतिन से “कई मुद्दों पर सहमति” का दावा।
परिणाम और आगे का कूटनीतिक मार्ग
सकारात्मक संकेत:
- कोई बड़ा समाधान नहीं, परंतु मतभेदों में कमी आई।
- भविष्य में समाधान के लिए डिप्लोमैटिक चैनल खुला।
अनुवर्ती कदम:
- ट्रंप ने यूरोपीय, नाटो और यूक्रेनी नेताओं से चर्चा की।
- ज़ेलेन्स्की को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया।
- ट्रंप: रूस के साथ समझौता करना “ज़ेलेन्स्की पर निर्भर।”
रूस की माँगें:
- कब्ज़ाए गए क्षेत्रों की मान्यता।
- यूक्रेन की तटस्थता और निरस्त्रीकरण।
समझौते के संकेत:
- दक्षिणी मोर्चे (ज़ापोरिझझिया, खेरसोन) पर संघर्षविराम।
- रूस डोनबास (डोनेट्स्क, लुहान्स्क) बनाए रखे।
- खार्किव (उत्तर-पूर्व) से संभावित वापसी।
यूक्रेन का रुख:
- भूमि छोड़कर शांति समझौते से इनकार।
चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
- ट्रंप को वार्ता बनाए रखनी होगी और अंतराल कम करना होगा।
- समझौता कीव पर थोपा नहीं जाना चाहिए।
- किसी भी समाधान को:
- यूक्रेन की सुरक्षा चिंताओं का समाधान करना होगा।
- भविष्य के आक्रमण से बचाव हेतु विश्वसनीय आश्वासन देने होंगे।
- पूर्वी यूरोप में स्थायी शांति के लिए व्यावहारिकता और न्याय का संतुलन आवश्यक है।
निष्कर्ष
यद्यपि शिखर सम्मेलन तत्काल शांति समझौता नहीं ला सका, लेकिन इसने संवाद और समाधान की संभावनाएँ अवश्य खोलीं। किसी भी स्थायी समाधान के लिए यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करना, विश्वसनीय गारंटी प्रदान करना और भविष्य के आक्रमण को रोकना आवश्यक है। ट्रंप की सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे वार्ता को बनाए रखें, परंतु कीव पर शर्तें न थोपें। पूर्वी यूरोप में सच्ची शांति तभी संभव है जब व्यावहारिक समझौते और संप्रभु न्याय का संतुलन कायम हो।