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  • विश्व पर्यावरण दिवस 2025 (5 जून) का मुख्य विषय प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना था, लेकिन इस विषय के पीछे एक व्यापक चिंतन है—वायु, जल और मिट्टी में सूक्ष्म स्तर पर फैले प्रदूषकों के संपर्क से मानव स्वास्थ्य पर गुप्त प्रभाव पड़ना।
  • यह संपादकीय ‘एक्सपसॉमिक्स’ नामक उभरते विज्ञान पर प्रकाश डालता है, जो पर्यावरण निगरानी और जैवसूचना विज्ञान को एकीकृत कर जीवनभर के पर्यावरणीय संपर्कों का मानचित्रण करता है।
  1. एक्सपसॉमिक्स क्या है?
    यह सभी प्रकार के पर्यावरणीय संपर्कों (रासायनिक, भौतिक, जैविक) का अध्ययन है, जो किसी व्यक्ति के जीवनकाल में होते हैं।

जीनोमिक्स से प्रेरित यह विज्ञान बाहरी एक्सपसॉम (प्रदूषण, आहार, रसायन) और आंतरिक प्रतिक्रिया तंत्र (पाचन, हॉर्मोन, प्रतिरक्षा) का नक्शा तैयार करने के लिए AI, ओमिक्स और सेंसर्स का इस्तेमाल करता है।

  1. भारत में एक्सपसॉमिक्स की आवश्यकता
    भारत विश्व पर्यावरणीय रोगों के 25% बोझ को वहन करता है, परंतु वर्तमान ढांचे (GBD, WHO) जोखिम संपर्क की गतिशील निगरानी के साथ समेकित नहीं हैं।

पर्यावरणीय जोखिम अक्सर अलग-अलग अध्ययन किए जाते हैं, जबकि वास्तविकता में जोखिम जटिल मिश्रण के रूप में समय के साथ होते हैं।

  • करोड़ों भारतीय कार्यस्थल और पर्यावरणीय जोखिमों से प्रभावित हैं।
  • बाहरी वायु प्रदूषण और घरेलू प्रदूषण (ठोस ईंधन, खराब वेंटिलेशन) भारत की DALYs का 6.3% हिस्सा हैं।
  • भारत में हृदय विफलता, COPD, अस्थमा एवं कैंसर जैसे रोगों का जोखिम विश्व औसत से 50% अधिक है।
  1. यह वास्तविक दुनिया की जटिलताओं को समझता है
    परंपरागत मॉडल प्रदूषण + तनाव + खराब पोषण जैसी सहक्रियाओं को समझने में असफल रहते हैं।
    एक्सपसॉमिक्स पर्यावरणीय कारणों को मधुमेह, मानसिक रोग, हृदय रोग और कैंसर से जोड़ता है।
  2. यह सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी में पुल का काम करता है
    यह पहनने योग्य सेंसर, दूरस्थ संवेदी तकनीक, बड़े डेटा प्लेटफॉर्म और जैव-निगरानी का संयोजन है जो स्वास्थ्य नीति के लिए भविष्यवाणात्मक मॉडल तैयार करता है।
    रोग उपचार से सक्रिय रोकथाम की दिशा में यह मदद करता है।
  1. भारत को नीति में बदलाव आवश्यक है
    GBD इंडिया प्रोजेक्ट और राष्ट्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य कार्यक्रमों को एक्सपसॉमिक्स के डेटा लेयर्स के साथ बढ़ाना होगा।
    सरकार को एकीकृत पर्यावरण-स्वास्थ्य डैशबोर्ड और जन जागरूकता उपकरणों में निवेश करना चाहिए।
  2. बहु-विषयक सहयोग
    सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन, जीनोमिक्स, जलवायु विज्ञान और आईटी क्षेत्रों में सहयोग अनिवार्य है।
    भारत का COVID-19 के लिए आरोग्य सेतु मॉडल एक्सपसॉम ट्रैकिंग नेटवर्क के लिए प्रेरणा दे सकता है।

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