The Hindu Editorial Analysis in Hindi
16 June 2025
भारत को विमान दुर्घटना की ईमानदारी से जांच की जरूरत है
(स्रोत – द हिंदू, राष्ट्रीय संस्करण – पृष्ठ संख्या – 08)
विषय: जीएस-2 – विनियामक सुधार, जवाबदेही; जीएस-3 – बुनियादी ढांचा (विमानन), आपदा प्रबंधन
संदर्भ
12 जून, 2025 को एयर इंडिया AI117 विमान दुर्घटना के बाद भारत में विमान दुर्घटना जांच प्रक्रिया पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं। विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अमित सिंह के संपादकीय में भारत की विमान दुर्घटना जांच प्रणाली की स्वतंत्रता और संस्थागत कठोरता की कमी की समीक्षा की गई है।

मूल तर्क
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को भले ही “स्वतंत्र” कहा जाता है, लेकिन तकनीकी रूप से यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) के अधीन है, जो DGCA और एयरलाइनों के नियमन का कार्य भी करता है। इससे हितों के टकराव की स्थिति पैदा होती है।
उदाहरणत: रेलवे विभाग में, रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से काम करता है ताकि हितों का टकराव न हो, लेकिन विमानन में MoCA नियमन और जांच दोनों करता है।
भारत में विमान जांच सुधार क्यों आवश्यक है
Table
समस्या | परिणाम |
---|---|
AAIB की वास्तविक स्वतंत्रता की कमी | जांच संस्थागत हितों की रक्षा कर सकती है, दुर्घटनाओं को रोकने में विफलता |
सार्वजनिक जवाबदेही का अभाव | परिवारों को न्याय नहीं मिलता, दोष अक्सर पायलटों पर डाला जाता है |
जांच रिपोर्टों के बाद कार्रवाई स्पष्ट नहीं | कोझिकोड 2020 जैसी दुर्घटनाओं से कोई ठोस सुधार नहीं |
डेटा की गोपनीयता और रिपोर्ट दबाव | वैश्विक मानकों पर भारत की विश्वसनीयता कमजोर |
दोषारोपण संस्कृति और पायलट संरक्षण कानून की कमी | पायलटों में डर और रिपोर्टिंग में कमी |
संपादकीय की प्रमुख सिफारिशें
- स्वतंत्र सुरक्षा जांच एजेंसी:
- AAIB और DGCA को पूरी तरह विभाजित करें।
- जांच रिपोर्ट सीधे संसद को सौंपी जाएं।
- जांच रिपोर्टों को कानूनी मान्यता दें:
- रिपोर्टें तब तक वैध हों जब तक अदालत इसे चुनौती न दे।
- “संभावित कारण” न्यायिक रूप से मान्य और पारदर्शी हों।
- नो-फॉल्ट सेफ्टी कल्चर अपनाएं:
- ICAO और यूरोपीय एजेंसियों (EASA) की तरह दोषारोपण से बचें जबतक खुले रूप में बड़ी लापरवाही सिद्ध न हो।
- पायलट संरक्षण कानून लागू करें:
- विमान नियम 1937 के नियम 19(3) में संशोधन कर बिना साक्ष्य के पायलटों को निशाना बनाने से रोकें।
- सार्वजनिक डेटा रिलीज़:
- जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हों ताकि नागरिक समाज निगरानी कर सके।
अंतरराष्ट्रीय तुलना
Table
देश | जांच प्राधिकरण | स्वतंत्रता | परिणाम |
---|---|---|---|
अमेरिका | NTSB (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड) | उच्च | पारदर्शी, तेज, विश्वसनीय |
यूरोपीय संघ | विभिन्न AAIB / BEA | पूर्ण | सीखने को बढ़ावा, सुरक्षा डेटाबेस |
भारत | AAIB (MoCA के अधीन) | कमजोर | धीमा, प्रणालीगत सुधार दुर्लभ |
निष्कर्ष
भारत में तकनीकी प्रतिभा की कमी नहीं, परन्तु संस्थागत साहस और पारदर्शिता का अभाव है। एक ईमानदार और स्वतंत्र विमान दुर्घटना जांच प्रणाली केवल विमानन सुरक्षा का प्रश्न नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अखंडता का विषय है। AAIB की संरचना का सुधार खोई जानों का सम्मान और भारत के विमानन क्षेत्र के प्रति वैश्विक विश्वास पुनर्निर्माण की पहली और अनिवार्य कदम है।