Achieve your IAS dreams with The Core IAS – Your Gateway to Success in Civil Services

  • FLFPR (महिला श्रम भागीदारी दर) 2023-24 में बढ़कर 41.7% हुई, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं में (47.6%)।
  • शहरी महिलाओं की भागीदारी 25.4% रह गई, जो औपचारिक रोजगार, कार्यस्थल सुरक्षा और सामाजिक मान्यताओं की बाधाओं को दर्शाता है।
  • वैश्विक स्तर पर केवल 31.5% शोधकर्ता महिलाएं हैं (UNESCO, 2021)।
  • McKinsey के अनुसार 68 मिलियन महिलाओं के कार्यबल में आने से 2025 तक भारत का GDP $700 बिलियन बढ़ सकता है।
  • विश्व बैंक का अनुमान है कि 50% महिला भागीदारी से GDP विकास दर में 1% की वृद्धि होगी।
  • NEP 2020: STEM क्षेत्र में शिक्षा और अवसरों को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ।
  • शिक्षा मंत्रालय की पहल: कौशल और जीवन कौशल को मुख्यधारा की शिक्षा में समाहित किया गया।
  • ग्रामीण क्षेत्र में आईटीआई और व्यावसायिक प्रशिक्षण का विस्तार।
  • महिला सशक्तिकरण के लिए लिंग बजट का बढ़ता हिस्सा (6.8% से 8.8%)।
  • बजट 2025-26 में महिला उद्यमियों के लिए विशेष ऋण, राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना, और तकनीकी-प्रेरित कौशल विकास योजनाएँ शामिल।
  • राष्ट्रीय मिशन जैसे स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पीएम विश्वकर्मा योजना।
  • उद्योग को महिला तकनीकी दक्षता से रोजगार तक का पुल बनाना होगा।
  • सामाजिक रूढ़िवाद—जैसे “मैकेनिकल पुरुषों के लिए”, “कोडिंग लड़कियों के लिए नहीं”—महिलाओं के मार्ग में बाधा।
  • महिलाओं का STEM क्षेत्र छोड़ना योग्यता की कमी के कारण नहीं, बल्कि असहायक कार्यस्थल, परिवार की समझ में कमी और जेंडर आधारित अपेक्षाओं के कारण होता है।
  • समाधान के लिए लैंगिक पूर्वाग्रहों को चुनौती देना, कार्यस्थल सुरक्षा सुनिश्चित करना, बराबरी का वेतन देना, और जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों में करियर समर्थन देना जरूरी।
  • मेंटरशिप प्रोग्राम, उद्योग-संबंधित प्रशिक्षण, शिक्षा संस्थानों के साथ साझेदारी।
  • UN Women, मध्यप्रदेश, गुजरात सरकारों व माइक्रॉन फाउंडेशन के वे-स्टेम प्रोग्राम द्वारा जागरूकता, कौशल, सुरक्षित कार्यस्थल और सामाजिक समर्थन।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *