The Hindu Editorial Analysis in Hindi
29 May 2025
व्यावहारिक, प्रयोजनमूलक और नवीन शिक्षा का मामला
(स्रोत – द हिंदू, राष्ट्रीय संस्करण – पृष्ठ संख्या – 08)
विषय: GS 2: शिक्षा | सरकारी नीतियाँ | कौशल विकास | रोजगार सृजन | सीखने में नवाचार
परिप्रेक्ष्य
नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने वाली एक राष्ट्रीय रणनीति है। इस नीति में तीन मुख्य पहलुओं पर जोर है: मौलिक अनुसंधान को प्रोत्साहन देना, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना, और रोजगारक्षम एवं लचीले शिक्षा मॉडल के लिए मल्टी-एंट्री, मल्टी-एग्जिट सिस्टम बनाना।

परिचय
शिक्षा केवल डिग्री लेने का माध्यम नहीं, बल्कि सही दिशा प्रदान करने का साधन है।
NEP 2020 एक ऐसा शिक्षा मॉडल बनाना चाहता है जो व्यावहारिक, उद्योग-आधारित और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो, जो छात्रों को अनिश्चित लेकिन अवसरों से भरे भविष्य के लिए तैयार करे।
NEP 2020 के प्रमुख स्तंभ
- लचीलापन और रोजगारक्षमता
चार वर्षीय डिग्री संरचना छात्रों को प्रत्येक चरण पर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा हासिल करने और आवश्यकतानुसार पुनः प्रवेश करने की सुविधा देती है। इससे ड्रॉपआउट रोकथाम होती है और शिक्षा एवं काम के बीच सहजता आती है।
167 से अधिक विश्वविद्यालय और 59 कॉलेज इस मॉडल को अपना चुके हैं। - उद्योग-शिक्षा संस्थान सहयोग
छात्रों को स्नातक स्तर से ही इंटर्नशिप और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से वास्तविक दुनिया का अनुभव मिलता है।
242 विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो अनुप्रयुक्त नवाचार को बढ़ावा देते हैं। - अंतर-विषयक और अनुसंधान-केंद्रित पाठ्यक्रम
Academic Bank of Credit, SPARC, ANRF, IMPRINT जैसी पहलें क्रॉस-डोमेन शिक्षा और नवाचार को प्रेरित करती हैं।
छात्र संयुक्त डिग्री, ऑनलाइन मॉड्यूल या स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन में भाग ले सकते हैं।
भारत की वैश्विक स्थिति और नवाचार प्रभाव
- वैश्विक रैंकिंग में वृद्धि
163 भारतीय संस्थान एशिया रैंकिंग में शामिल हैं, और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत का स्थान 76 से बढ़कर 40 हुआ है।
QS एशिया रैंकिंग के अनुसार भारतीय अनुसंधान उत्पादन में 2020 से 2023 के बीच 158% की वृद्धि हुई है। - वैश्विक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में भागीदारी
भारत के संस्थान यूके, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग के जरिए विश्व विज्ञान में योगदान बढ़ा रहे हैं।
स्थायी रोजगार और दीर्घकालिक प्रभाव
- नौकरी की प्रवृत्ति में बदलाव
युवा रोजगार दर 33% से बढ़कर 46.7% हो गई है, जिसमें महिला युवाओं की भागीदारी भी काफी बढ़ी है।
अनियमित मजदूरी कम हुई है, और नियमित वेतनभोगी नौकरियों में वृद्धि हुई है, जो संरचनात्मक बदलाव दर्शाता है। - गुणवत्ता पर जोर
NEP सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि बेहतर रोजगार सुनिश्चित करती है, जो 21वीं सदी के कौशलों के अनुरूप है। - लैंगिक असमानता में कमी
नीति की समावेशी डिजाइन (जैसे ऑनलाइन शिक्षा, लचीलापन) से महिलाओं और वंचित वर्गों की भागीदारी में सुधार हुआ है।
निष्कर्ष
NEP 2020 केवल सुधार नहीं, बल्कि शिक्षा का पुनःकल्पना है।
व्यावहारिक कौशल, अनुसंधान उन्मुखीकरण, और समानता आधारित डिजाइन के संयोजन से भारत एक मजबूत, गतिशील और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणाली बना रहा है।
इस वादा को पूरा करने के लिए, नीति का क्रियान्वयन समावेशी, अनुकूलनीय और निरंतर मूल्यांकन पर आधारित होना चाहिए, ताकि शिक्षार्थियों और नियोक्ताओं की बदलती जरूरतों को पूरा किया जा सके।