The Hindu Editorial Analysis in Hindi
18 June 2025
हवाई यात्रा में विश्वास को पुनः स्थापित करने का अवसर
(स्रोत – द हिंदू, राष्ट्रीय संस्करण – पृष्ठ संख्या – 08)
विषय: जीएस 3: बुनियादी ढांचा – परिवहन (नागरिक उड्डयन), आपदा प्रबंधन, सुरक्षा मानक
संदर्भ:
12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने विशेष रूप से बोइंग 787 ड्रिमलाइनर्स की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। यह घटना नागरिक उड्डयन सुरक्षा प्रोटोकॉल, नियामक पारदर्शिता, और संकट संचार रणनीतियों के पुनर्मूल्यांकन का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।

परिचय:
AI171 दुर्घटना में 11 लोगों की जान चली गई, जिससे यात्रियों और विमानन विशेषज्ञों में भय और अटकलें बढ़ी हैं। सोशल मीडिया और वीडियो प्लेटफार्मों ने इस चिंता को और तेज किया है, जबकि वैश्विक विमानन प्राधिकरण तकनीकी प्रमाण जैसे DFDR और CVR की रिपोर्ट के इंतजार में हैं। इस हादसे से बोइंग 787 ड्रिमलाइनर से जुड़े लगातार उठ रहे सवालों पर भी ध्यान जाना आवश्यक हो गया है।
मुख्य मुद्दे एवं प्रभाव:
- तत्काल सुरक्षा चिंताएं
- विवरण: टेकऑफ़ के प्रयास के दौरान विमान को भारी समस्या आई, CCTV फुटेज और यात्रियों की बातों से इंजन थ्रस्ट लाप होना या लेट रोटेशन निर्णय का सुझाव मिलता है।
- प्रभाव: पायलट की निर्णय क्षमता, यांत्रिक विफलता या परिचालन मिस्टेक के कारण दुर्घटना की आशंका है। इससे एयरलाइनों की विश्वसनीयता और यात्री विश्वास प्रभावित हो सकता है।
- जांच की पारदर्शिता की कमी
- विवरण: DFDR और CVR बरामद जरूर हुए हैं, लेकिन अब तक कोई औपचारिक सार्वजनिक बयान नहीं आया है।
- प्रभाव: कमजोर पारदर्शिता अफवाहों को जन्म देगी और गलत जानकारी फैलेगी। शीघ्र व पेशेवर जांच बेहद आवश्यक है।
- बोइंग 787 के साथ दुर्घटना पैटर्न
- विवरण: दुनिया भर में बोइंग 787 ड्रिमलाइनर कई दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें इलेक्ट्रिकल, इंजन और सेंसर समस्याएं शामिल हैं।
- प्रभाव: वैश्विक यात्रियों का विश्वास कमजोर होगा, DGCA और एयरलाइन की खरीद निर्णयों पर भी सवाल उठेंगे।
- तकनीकी अस्पष्टताएं
- विवरण: चर्चा में पक्षी टकराव, इंजन में वस्तु प्रवेश, थ्रस्ट प्रबंधन में त्रुटि, सेंसर फॉल्टी, और आपातकालीन निर्णय शामिल हैं।
- प्रभाव: बेहतर सिम्युलेटर-आधारित पायलट प्रशिक्षण की जरूरत और भारत जैसे परिचालन माहौल के लिए भरोसेमंद विमान डिजाइन आवश्यकता पर बल।
- नियामक सुधारों की आवश्यकता
- विवरण: जांच और सुरक्षा पर्यवेक्षण को अधिक स्वायत्त, स्वतंत्र और पेशेवर बनाया जाना चाहिए। भारत के पास एक मजबूत स्वतंत्र विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) का अभाव है।
- प्रभाव: सुरक्षा तंत्रों में विश्वास बढ़ेगा और भारत की विमानन क्षेत्र की वैश्विक स्वीकार्यता सुनिश्चित होगी।
निष्कर्ष: विमानन में विश्वास का पुनर्निर्माण
नागरिक उड्डयन अभी भी सुरक्षिततम परिवहन माध्यमों में से एक है, लेकिन AI171 जैसी दुर्घटनाएं सार्वजनिक विश्वास को गहरा संकट देती हैं। यह घटना एयरलाइंस, नियामकों, विमान निर्माताओं और सरकारी एजेंसियों के लिए चेतावनी है।
आवश्यक कदम:
- दुर्घटना जांच पारदर्शी हो।
- बोइंग ड्रिमलाइनर से जुड़े समस्याओं का समाधान करें।
- AAIB को पूर्ण स्वायत्तता दें।
- ICAO, NTSB जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी बढ़ाएं।
भारत का विमानन क्षेत्र सत्य, जवाबदेही और प्रणालीगत सुरक्षा सुधार के माध्यम से पुनः विश्वास अर्जित करे।