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संदर्भ
12 जून, 2025 को एयर इंडिया AI117 विमान दुर्घटना के बाद भारत में विमान दुर्घटना जांच प्रक्रिया पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं। विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अमित सिंह के संपादकीय में भारत की विमान दुर्घटना जांच प्रणाली की स्वतंत्रता और संस्थागत कठोरता की कमी की समीक्षा की गई है।

मूल तर्क
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को भले ही “स्वतंत्र” कहा जाता है, लेकिन तकनीकी रूप से यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) के अधीन है, जो DGCA और एयरलाइनों के नियमन का कार्य भी करता है। इससे हितों के टकराव की स्थिति पैदा होती है।
उदाहरणत: रेलवे विभाग में, रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से काम करता है ताकि हितों का टकराव न हो, लेकिन विमानन में MoCA नियमन और जांच दोनों करता है।

भारत में विमान जांच सुधार क्यों आवश्यक है

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समस्यापरिणाम
AAIB की वास्तविक स्वतंत्रता की कमीजांच संस्थागत हितों की रक्षा कर सकती है, दुर्घटनाओं को रोकने में विफलता
सार्वजनिक जवाबदेही का अभावपरिवारों को न्याय नहीं मिलता, दोष अक्सर पायलटों पर डाला जाता है
जांच रिपोर्टों के बाद कार्रवाई स्पष्ट नहींकोझिकोड 2020 जैसी दुर्घटनाओं से कोई ठोस सुधार नहीं
डेटा की गोपनीयता और रिपोर्ट दबाववैश्विक मानकों पर भारत की विश्वसनीयता कमजोर
दोषारोपण संस्कृति और पायलट संरक्षण कानून की कमीपायलटों में डर और रिपोर्टिंग में कमी

संपादकीय की प्रमुख सिफारिशें

  1. स्वतंत्र सुरक्षा जांच एजेंसी:
  • AAIB और DGCA को पूरी तरह विभाजित करें।
  • जांच रिपोर्ट सीधे संसद को सौंपी जाएं।
  1. जांच रिपोर्टों को कानूनी मान्यता दें:
  • रिपोर्टें तब तक वैध हों जब तक अदालत इसे चुनौती न दे।
  • “संभावित कारण” न्यायिक रूप से मान्य और पारदर्शी हों।
  1. नो-फॉल्ट सेफ्टी कल्चर अपनाएं:
  • ICAO और यूरोपीय एजेंसियों (EASA) की तरह दोषारोपण से बचें जबतक खुले रूप में बड़ी लापरवाही सिद्ध न हो।
  1. पायलट संरक्षण कानून लागू करें:
  • विमान नियम 1937 के नियम 19(3) में संशोधन कर बिना साक्ष्य के पायलटों को निशाना बनाने से रोकें।
  1. सार्वजनिक डेटा रिलीज़:
  • जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हों ताकि नागरिक समाज निगरानी कर सके।

अंतरराष्ट्रीय तुलना

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देशजांच प्राधिकरणस्वतंत्रतापरिणाम
अमेरिकाNTSB (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड)उच्चपारदर्शी, तेज, विश्वसनीय
यूरोपीय संघविभिन्न AAIB / BEAपूर्णसीखने को बढ़ावा, सुरक्षा डेटाबेस
भारतAAIB (MoCA के अधीन)कमजोरधीमा, प्रणालीगत सुधार दुर्लभ

निष्कर्ष
भारत में तकनीकी प्रतिभा की कमी नहीं, परन्तु संस्थागत साहस और पारदर्शिता का अभाव है। एक ईमानदार और स्वतंत्र विमान दुर्घटना जांच प्रणाली केवल विमानन सुरक्षा का प्रश्न नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अखंडता का विषय है। AAIB की संरचना का सुधार खोई जानों का सम्मान और भारत के विमानन क्षेत्र के प्रति वैश्विक विश्वास पुनर्निर्माण की पहली और अनिवार्य कदम है।


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