Achieve your IAS dreams with The Core IAS – Your Gateway to Success in Civil Services

वैश्विक विभाजन (Faultlines)

  • 2025 के पेरिस AI सम्मेलन में मुख्य वैश्विक शक्तियाँ असहमति में बींठीं, अमेरिका और ब्रिटेन ने बैठक छोड़ दी, जबकि चीन अंतिम प्रस्ताव का समर्थन करता रहा।
  • AI सुरक्षा के दृष्टिकोण अलग-अलग हैं: यूरोप विनियमन चाहता है, अमेरिका नवाचार पर आधारीत स्वशासन को प्राथमिकता देता है, और चीन राज्य-नियंत्रण मानता है।
  • वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ विनियमन और नवाचार दोनों में अनुपस्थित है।

भारत की मौक़ा (India’s Opportunity)

  • वैश्विक शक्तियों के बीच पुल बनाने की क्षमता।
  • वैश्विक दक्षिण के हितों का प्रतिनिधित्व करना।
  • सफल डिजिटल सार्वजनिक ढांचे जैसे आधार, यूपीआई, डिजीलॉकर के अनुभव से नेतृत्व करना।

भारत के नेतृत्व के लिए पाँच बिंदु (Five-Point Framework)

  1. प्रतिज्ञाएँ और रिपोर्ट कार्ड:
    भारत अपनी डिजिटल सार्वजनिक वस्तुएं प्रदर्शित करे और प्रतिभागी देशों को AI के लिए एक सामाजिक प्रतिबद्धता करने और उसकी प्रगति सार्वजनिक करने को कहे।
  2. वैश्विक दक्षिण को आगे लाना:
    विकासशील देशों की व्यापक भागीदारी सुनिश्‍चित करें। “AI for Billions Fund” की स्थापना करें जो क्लाउड क्रेडिट, डाटा सेट एवं प्रशिक्षण प्रदान करे और बहुभाषी AI चुनौतियाँ आयोजित करे।
  3. साझा AI सुरक्षा चेकलिस्ट:
    भारत एक Global AI Safety Collaborative प्रस्तावित करे, जो सुरक्षा परीक्षणों, घटनाओं और खुले परीक्षण किटों को साझा करे।
  4. AI विनियमन में मध्य मार्ग:
    एक वैकल्पिक Frontier AI Code of Conduct अपनाएं, जिसमें 90-दिन की रिपोर्टिंग विंडो और स्वतंत्र रेड-टीमिंग रजिस्ट्री हो।
  5. AI विखंडन से बचाव:
    भारत वैश्विक AI शासन के इंटरऑपरेबल और समावेशी मॉडल को बढ़ावा दे, ताकि तकनीक मानव-केंद्रित बनी रहे।

भारत के लिए मार्ग (Path Forward)

लक्ष्यक्रियाएँ
AI को नया स्वरूप देनाभू-राजनीति से हटकर वैश्विक हित पर ध्यान केंद्रित करना
पहुँच लोकतंत्रीकरण करनाAI भागीदारी को सीमित केंद्रों से परे व्यापक बनाना
अधिकार की जटिलता से बचनानियम थोपने के बजाय वैश्विक सहमति को बढ़ावा देना
वैश्विक साझा पहल जोड़नाविनियमन समूहों के बीच सेतु बनना
विश्वसनीयता बनानाAI विकास को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थानीय भाषाओं जैसे परिणामों से जोड़ना

निष्कर्ष

भारत की डिजिटल प्रगति और कूटनीतिक विश्वसनीयता इसे एक अनूठा मंच देती है कि वह AI बहस को टेक्नो-राष्ट्रीयता से आगे बढ़ाकर टेक्नो-ह्यूमनिज़्म की दिशा में ले जाये। 2026 AI Impact Summit भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ प्रस्तुति बनकर वैश्विक AI भविष्य की पुनर्कल्पना कर सकता है।


Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *