The Hindu Editorial Analysis in Hindi
28 July 2025
बिहार मतदाता सूची संशोधन में ‘नागरिकता’ पर भ्रम दूर करना
(Source – The Hindu, International Edition – Page No. – 8)
Topic : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र II – राजव्यवस्था एवं शासन (चुनावी सुधार, नागरिकता)
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र II – भारतीय संविधान (मौलिक अधिकार, भारत निर्वाचन आयोग)
मुख्य संवैधानिक एवं कानूनी प्रावधान
- अनुच्छेद 326 (संविधान):
- लोक सभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव वयस्क मताधिकार पर आधारित हैं।
- प्रत्येक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का भारतीय नागरिक मतदान का अधिकार रखता है, जब तक कि कानून द्वारा अयोग्य न ठहराया गया हो।
- प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम (RPA), 1950:
- धारा 16: गैर-नागरिक को मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जा सकता।
- धारा 23: चुनावी अधिकारी नामों का सत्यापन, प्रविष्टि या हटाव कर सकते हैं।
- नागरिकता अधिनियम, 1955:
- नागरिकता के नियम निर्धारित करता है।
- धारा 7B(2) स्पष्ट करता है कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकते हैं।

संपादकीय के मुख्य तर्क
- नागरिकता सत्यापन कानूनी और संवैधानिक है:
- केवल नागरिकों को ही मतदाता सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
- गैर-नागरिक का नाम अगर दिखे तो उसे हटाना अनिवार्य है।
- आधार कार्ड ≠ नागरिकता प्रमाण:
- आधार अधिनियम, 2016 नागरिकता प्रदान नहीं करता।
- यह केवल निवासियों की पहचान के लिए है।
- आधारधारी व्यक्ति गैर-नागरिक भी हो सकता है।
- गैर-नागरिकों के बारे में शिकायतें प्रवर्तित करना संभव है:
- कोई भी गैर-नागरिक नाम पाये तो RPA के तहत शिकायत दर्ज करा सकता है।
- ECI को नाम सत्यापित करने और हटाने का पूरा अधिकार है।
- कानूनी मिसाल:
- सुप्रीम कोर्ट ने D.P. वाधवा बनाम भारत संघ (1993) में कहा है कि केवल योग्य लोगों को सूची में शामिल किया जाए।
- गैर-नागरिक का नाम सम्मिलित करना अमान्य होता है।
बिहार का संदर्भ
- विधानसभा चुनाव की तैयारी में ECI ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष संशोधन हेतु निर्देश जारी किए।
- नागरिकता जांच अनिवार्य और उचित है।
- राजनीतिक आलोचना संवैधानिक नियमों और कानून की समझ की कमी दर्शाती है।
UPSC के लिए महत्वपूर्ण बातें
विषय | समझदारी |
---|---|
चुनावी अखंडता | केवल भारतीय नागरिक वोटर हो सकते हैं; जांच लोकतंत्र को मजबूत करती है |
कानूनी आधार | अनुच्छेद 326, RPA 1950, नागरिकता अधिनियम ECI के कार्यों को समर्थन देते हैं |
आधार की सीमा | आधार नागरिकता प्रमाण नहीं; चुनावी सूची के लिए अकेला आधार नहीं हो सकता |
ECI की भूमिका | अनुच्छेद 324 के तहत सर्वोच्च प्राधिकरण; जांच और सूची सुधार का अधिकार |
बिहार संदर्भ | राजनीतिक आपत्तियाँ निराधार; ECI कानूनी दायित्व पूरा कर रहा है |
निष्कर्ष
चुनावी मतदाता सूची के संशोधन में नागरिकता की पुष्टि न केवल कानूनी है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की शुद्धता बनाए रखने के लिए आवश्यक भी है। राजनीतिक आलोचना ECI के संवैधानिक दायित्व को कमजोर नहीं कर सकती। केवल वास्तविक नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, जिससे चुनावी प्रणाली की विश्वसनीयता बनी रहे।