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मुख्य मुद्दे और तर्क

  1. राइट टू रिपेयर क्यों महत्वपूर्ण है
    • पुनः उपयोग, मरम्मत, स्पेयर पार्ट्स तक पहुँच और सर्कुलर कंजंप्शन को सक्षम बनाता है।
    • प्लांड ओब्लिसेंस (जानबूझकर जल्दी ख़राब होने) के खिलाफ काम करता है।
    • उपभोक्ता अधिकार, स्थिरता और अनौपचारिक मरम्मत क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करता है।
    • यूएन के SDG 12 (जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन), डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), और नेशनल स्ट्रैटेजी ऑन AI (NSAI) के लक्ष्यों का समर्थन करता है।
  2. Tacit Knowledge: भुला दिया गया स्तंभ
    • भारत की मरम्मत अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा अप्रत्यक्ष ज्ञान पर निर्भर है, जो अनुभव, स्थानीय नवाचार और सहज ज्ञान से आता है।
    • अनौपचारिक मरम्मत करने वाले मशीनी खामियों की पहचान स्पर्श, ध्वनि और दृश्य संकेतों से करते हैं, न कि मैनुअल से।
    • यह अनुभवजन्य ज्ञान कम दस्तावेजीकृत है लेकिन करोड़ों लोगों की आजीविका का आधार है।
  3. राइट टू रिमेंबर
    • यह भारत की मरम्मत विरासत, कौशल और अनौपचारिक मरम्मत प्रणाली के संरक्षण का अधिकार है।
    • tacit knowledge को बौद्धिक और सांस्कृतिक संपदा के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।
    • इसके अभाव में नीति लाखों अनौपचारिक मरम्मत कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में विफल रह सकती है।

नीति में पाई गई खामियाँ

क्षेत्रखामियाँ
मरम्मत तंत्रकेवल रिपेयरबिलिटी इंडेक्स और स्पेयर पार्ट्स पर ध्यान, ज्ञान प्रणाली को नजरअंदाज किया गया है
डिज़ाइन मानककेवल 23% स्मार्टफोन मरम्मत योग्य हैं, निर्माता के डिज़ाइन कारण
कौशल मान्यतारिची स्ट्रीट और झुग्गी बाजार जैसे अनौपचारिक तकनीशियनों की मान्यता का अभाव
तकनीक और AI नीतियांमानव-इन-द-लूप मरम्मत नवाचार की अनदेखी
व्यावसायिक प्रशिक्षणअनौपचारिक डायग्नोस्टिक और संवेदी ज्ञान पर कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं

हाल की पहल

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) – मरम्मत नवाचार से बेहतर जुड़ाव की आवश्यकता।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) – अनुभवजन्य शिक्षण को महत्व देती है।
  • LIFE (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) – स्थिरता आधारित मरम्मत संस्कृति का समर्थन कर सकता है।
  • भारत के EPR नियम – उत्पाद केन्द्रित, न कि व्यक्ति केंद्रित।

आगे का मार्ग

‘राइट टू रिपेयर’ फ्रेमवर्क का विस्तार

रिपेयर मैनुअल, डायग्नोस्टिक टूल्स और tacit knowledge संरक्षण को शामिल करें।

श्रम कार्ड, UDYAM, गिग प्लेटफॉर्म के माध्यम से अनौपचारिक क्षेत्र की आवाज़ सुनें।

संस्थागत समर्थन

कौशल विकास मंत्रालय को मरम्मत को ‘ग्रीन स्किल’ के रूप में मान्यता देनी चाहिए।

मरम्मत कारीगरों के लिए माइक्रो-सर्टिफिकेशन की व्यवस्था हो।

AI और डिजिटल प्लेटफॉर्म से मरम्मत तकनीकों का दस्तावेजीकरण और प्रसारण हो।

रिपेयरबिलिटी डिज़ाइन को प्रोत्साहित करें

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