Achieve your IAS dreams with The Core IAS – Your Gateway to Success in Civil Services

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI) ने शासन को उत्तरदायी और पारदर्शी बनाकर नागरिकों को सशक्त किया। इसका मूल दर्शन यह था कि सरकार की सूचनाएँ नागरिकों की संपत्ति हैं। किंतु हाल ही में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम और उसका धारा 8(1)(j) RTI के साथ अंतःक्रिया, RTI को “सूचना देने का अधिकार” से “सूचना न देने का अधिकार” बना सकती है। यह लोकतंत्र में निजता बनाम पारदर्शिता की बहस को गहरा करती है।

मुख्य मुद्दे और तर्क

1. RTI की मूल दृष्टि

  • RTI का उद्देश्य : सरकार जनता की ओर से सूचनाओं की संरक्षक है।
  • धारा 8(1)(j) : केवल वही व्यक्तिगत जानकारी अपवाद मानी गई जो –
    • अनावश्यक निजता-भंग हो, या
    • सार्वजनिक हित से जुड़ी न हो।
  • सिद्धांत : जो सूचना संसद/विधानसभा को दी जा सकती है, उसे नागरिक से छिपाया नहीं जा सकता।

2. DPDP अधिनियम और अस्पष्टता

  • DPDP में “व्यक्तिगत जानकारी” की परिभाषा अत्यधिक व्यापक।
  • “व्यक्ति” की परिभाषा में परिवार, संस्थाएँ, यहाँ तक कि राज्य भी शामिल।
  • आशंका : लगभग हर सूचना को “व्यक्तिगत” बताकर नकारा जा सकता है।

3. संभावित परिणाम

  • वर्तमान में 90% RTI अस्वीकृति का आधार “व्यक्तिगत सूचना” है।
  • DPDP से यह प्रवृत्ति औपचारिक और व्यापक हो सकती है।
  • भ्रष्टाचार संबंधी सूचनाएँ—जैसे सेवा विवरण, तबादले, जाँच रिपोर्ट—भी रोकी जा सकती हैं।

नीति-गत खामियाँ

क्षेत्रउभरती समस्याएँ
RTI अपवादव्यक्तिगत सूचना की अत्यधिक व्यापक परिभाषा।
सार्वजनिक हित प्रावधाननागरिकों पर “बड़े सार्वजनिक हित” सिद्ध करने का बोझ।
DPDP–RTI अंतःक्रियाप्राथमिकता स्पष्ट नहीं; नौकरशाही विवेक पर निर्भर।
पारदर्शिता तंत्रप्रकटीकरण कम होने से जवाबदेही घटेगी।

आगे की राह

  • स्पष्ट परिभाषाएँ : व्यक्तिगत सूचना की संकीर्ण व सटीक परिभाषा।
  • सार्वजनिक हित को प्रधानता : सूचना प्रकटीकरण को नियम, अपवाद को अपवाद बनाना।
  • संस्थागत सुरक्षा : CIC और न्यायालयों को निजता-अपवाद के दुरुपयोग से रक्षा करनी चाहिए।
  • नागरिक दबाव व जागरूकता : सिविल सोसायटी द्वारा अभियान और कानूनी चुनौती।

नैतिक आयाम

पारदर्शिता केवल कानूनी अधिकार नहीं बल्कि लोकतंत्र का नैतिक स्तंभ है। यह न केवल जवाबदेही सुनिश्चित करती है, बल्कि जनसेवकों की नैतिक जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है।

निष्कर्ष


Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *