The Hindu Editorial Analysis in Hindi
3 October 2025
एक स्टार्टअप क्रांति, ‘इनोवेशन कैपिटल’ का लक्ष्य
(Source – The Hindu, International Edition – Page No. – 8)
Topic : जीएस 3: समावेशी विकास, स्टार्टअप और उद्यमिता; जीएस 2: शासन और कल्याणकारी सेवाएं; जीएस 1: सामाजिक सशक्तिकरण।
संदर्भ
तमिलनाडु ने अपने विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की ताकत को डीप-टेक, समावेशी स्टार्टअप नीतियों और सामाजिक न्याय-आधारित उद्यमिता के साथ जोड़ते हुए भारत की “इनोवेशन कैपिटल” बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
2021 से अब तक, राज्य में डीपीआईआईटी (DPIIT) में पंजीकृत स्टार्टअप्स की संख्या छह गुना बढ़ गई है। महिला-नेतृत्व वाले और एससी/एसटी उद्यमियों द्वारा स्थापित स्टार्टअप्स को इक्विटी, इनक्यूबेशन और एक्सेस पहलों के ज़रिए विशेष सहयोग दिया जा रहा है।

तमिलनाडु ग्लोबल स्टार्टअप समिट 2025 जैसे प्रमुख कार्यक्रम कोयंबटूर में संस्थापकों, निवेशकों और वैश्विक टेक कंपनियों को एक साथ लाकर पूंजी, बाज़ार और मेंटरशिप को गति देने का लक्ष्य रखते हैं।
प्रस्तावना
इस लेख में तर्क दिया गया है कि सरकार समर्थित, समावेशन-प्रथम स्टार्टअप इकोसिस्टम — जिसमें इनक्यूबेशन, मेंटरशिप और शुरुआती बीज-पूंजी सहयोग हो — याचकों (petitioners) को साझेदारों में बदल सकता है और सूर्योदय क्षेत्रों (sunrise sectors) में 100+ करोड़ निवेश आकर्षित कर सकता है।
पदभार संभालने के बाद राज्य ने विनिर्माण उत्कृष्टता से डीप-टेक और इनोवेशन तक का विस्तार किया है, जो धीमी, स्थिर और समावेशी वृद्धि के साथ-साथ मज़बूत सार्वजनिक प्लेटफ़ॉर्म और सामाजिक समानता उपकरणों पर आधारित है।
इस कथा का मूल संदेश है कि नवाचार को भौगोलिक क्षेत्रों, लैंगिकता और सामाजिक वर्गों में समान रूप से वितरित होना चाहिए ताकि अवसर सृजन स्थायी और प्रणालीगत हो।
प्रमुख मुद्दे और प्रभाव
समानता और बीज पूंजी सहयोग
- विवरण: एससी/एसटी स्टार्टअप फंड 30 करोड़ से बढ़ाकर 150 करोड़ किया गया; अब तक 45+ स्टार्टअप्स को वित्त मिला है। पेरियार सोशल जस्टिस वेंचर लैब जैसे एक्सीलरेटर बाज़ार तक पहुंच और मार्गदर्शन उपलब्ध कराते हैं। आगे की किश्तों में ~150 करोड़+ का लक्ष्य।
- प्रभाव: इक्विटी (Equity) से ज़मानत (Collateral) की बाधाएं कम होती हैं, शुरुआती खिंचाव (traction) मिलता है और कम प्रतिनिधित्व वाले संस्थापकों में निवेश-योग्यता सामान्य होती है।
लैंगिक समानता और बुनियादी ढांचा
- विवरण: 15 महिला उद्यमियों को अनुदान और इनक्यूबेशन मिला। SmartUPTN स्मार्ट कार्ड से शुरुआती चरण में परीक्षण, अनुपालन, आईपी और विपणन उपकरणों पर खर्च में सब्सिडी दी जाती है।
- प्रभाव: गैर-तकनीकी बाधाएं घटती हैं, उत्पाद की तैयारी तेज़ होती है, और पहली बार या महिला फाउंडर्स के लिए सफलता की संभावना बढ़ती है।
दिव्यांग एवं ग्रामीण नवप्रवर्तक
- विवरण: दिव्यांग संस्थापकों को अनुदान; क्षेत्रीय TANSEED हब के माध्यम से अनुदान; “ग्राम थॉन पुझल्ची” के तहत 100 गांवों में 100 स्टार्टअप्स शुरू करने की योजना।
- प्रभाव: नवाचार को विकेन्द्रित करके महानगरीय एकाग्रता कम करता है और जिला अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े समाधान सामने आते हैं।
सामाजिक अवसंरचना
- विवरण: द्विभाषी कॉल सेंटर, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और बड़े पैमाने पर कौशल विकास; सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से अनुपालन में आसानी।
- प्रभाव: स्टार्टअप्स जल्द ही एंटरप्राइज़ एवं निर्यात-तैयार हो पाते हैं।
कनेक्टेड इकोसिस्टम और गतिशीलता
- विवरण: टियर-2/3 शहरों में मेट्रो, हवाईअड्डा और लॉजिस्टिक्स सुधार; चेन्नई–मदुरै–कोयंबटूर–तिरुनेलवली को जोड़ने वाले इनोवेशन कॉरिडोर; डीप-टेक क्लस्टर की शुरूआत।
- प्रभाव: बाज़ार तक पहुंच का समय घटता है और राजधानी से बाहर प्रतिभा-निवेशक घनत्व बढ़ता है।
क्षेत्र: अंतरिक्ष से एआई तक
- विवरण: सैटेलाइट-आधारित सेवाएं और एआई-प्रेरित समाधान राज्य साझेदारी के साथ अग्रणी क्षेत्रों के रूप में चुने गए हैं।
- प्रभाव: राष्ट्रीय रणनीतिक प्राथमिकताओं और वैश्विक मांग के साथ सामंजस्य बैठता है।
पूंजी निर्माण और बाज़ार पहुँच
- सरकारी इक्विटी और बीज सहयोग निजी निवेशकों को भरोसा देते हैं, जिससे पूंजी प्रवाह बढ़ता है।
- स्टार्टअप सेवा कार्ड शुरुआती लागत घटाते हैं, जिससे विचार से राजस्व तक पहुंच आसान होती है।
- टामिलनाडु ग्लोबल समिट 2025 30,000+ प्रतिभागियों, 3,000+ निवेशकों और 7,500+ प्रदर्शकों को एक साथ लाता है।
भारत और वैश्विक आयाम
- राष्ट्रीय एकीकरण: DPIIT पंजीकृत स्टार्टअप वृद्धि और भारत की डीप-टेक व अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं से जुड़ा।
- प्रतिकृति (Replicability): तमिलनाडु की समावेशन-प्रथम इक्विटी मॉडल को अन्य राज्य अपनाकर बैलेंस्ड संघीय स्टार्टअप इकोसिस्टम बना सकते हैं।
- ग्लोबल साउथ सिग्नल: सामाजिक न्याय और इनोवेशन पूंजी एक दूसरे को मज़बूत कर विश्वसनीय आर्थिक रणनीति बन सकते हैं।
संवैधानिक व नीतिगत पहलू
- समानता और आजीविका पर आधारित निदेशक सिद्धांत, तथा राज्य की औद्योगिक एवं स्टार्टअप नीतियाँ फंड, इनक्यूबेशन और नवाचार मिशनों को लागू करती हैं।
- सार्वजनिक खरीद मानक और सैंडबॉक्स पायलट स्थानीय स्टार्टअप्स के लिए पहला बाज़ार सुनिश्चित करते हैं।
आँकड़े और उदाहरण
- 4 वर्षों में ~6 गुना वृद्धि; ~50% महिला-संचालित स्टार्टअप; 45+ एससी/एसटी स्टार्टअप्स फंडेड; 30 से 150 करोड़ तक इक्विटी वृद्धि; 100 गाँव-100 स्टार्टअप मिशन चालू; एआई और सैटेलाइट समाधान।
आगे का रास्ता
- इक्विटी-प्लस-सेवा वाउचर को राज्यव्यापी लागू करना; निर्यात सुविधा और मानक परीक्षण से वैश्विक बाज़ार तक तेज़ प्रवेश।
- ग्रामीण और महिला स्टार्टअप पाइपलाइन को कॉलेज सेल, स्वयं सहायता समूहों और जिला इनक्यूबेटरों से दोगुना करना।
- सार्वजनिक खरीद-लिंक्ड इनोवेशन चुनौतियाँ बनाना ताकि पायलट सीधे राजस्व में बदलें।