The Hindu Editorial Analysis in Hindi
12 February 2025
आत्म-नुकसान: ट्रम्प टैरिफ और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
(स्रोत – द हिंदू, अंतर्राष्ट्रीय संस्करण – पृष्ठ संख्या – X)
विषय: GS3 : अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
प्रसंग
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहली कार्यकाल की टैरिफ (आयात शुल्क) नीतियों ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया, जिससे जीडीपी (GDP) में गिरावट, नौकरियों की हानि और घरेलू आय में कमी आई। अब उनके दूसरे कार्यकाल में इसी तरह के टैरिफ फिर से लागू किए जा रहे हैं, जिससे अमेरिकी स्टील सेक्टर और व्यापक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर टैरिफ का प्रभाव
- ट्रम्प प्रशासन द्वारा $400 बिलियन के सामानों पर लगाए गए टैरिफ ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।
- फेडरल रिजर्व बोर्ड (2019) की रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ बढ़ने से प्रभावित उद्योगों में नौकरी में गिरावट देखी गई, विशेष रूप से निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में।
- कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, इन व्यापार नीतियों के कारण अमेरिका की जीडीपी में 0.3% की गिरावट और घरेलू आय में $580 (2019 डॉलर) की कमी आई।
रणनीतिक टैरिफ या आर्थिक झटका?
- 2018 में, ट्रम्प ने लोहे और इस्पात (स्टील) के आयात पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसके परिणामस्वरूप कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ (EU) से प्रतिशोधी टैरिफ (retaliatory tariffs) लगाए गए।
- 2025 में उनके दूसरे कार्यकाल में फिर से यही नीति अपनाई जा रही है, जिससे समान आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है।
- अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस प्रकार के टैरिफों ने बाइडेन प्रशासन के दौरान मुद्रास्फीति (Inflation) को बढ़ाया, जिससे उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ा।
स्टील उद्योग और वैश्विक व्यापार पर प्रभाव
- चीन वैश्विक इस्पात उत्पादन में 54% योगदान देता है, इसके बाद भारत (7%) और अमेरिका (4%) आता है।
- अमेरिका अपने घरेलू उत्पादन के बावजूद कनाडा, मैक्सिको और ब्राजील से इस्पात आयात करता है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला में बाधा आने की आशंका है।
- अमेरिकी स्टील उद्योग ने टैरिफ का समर्थन किया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इन टैरिफों के कारण आयात तुरंत कम नहीं होगा, क्योंकि चीन द्वारा संचालित वैश्विक अधिशेष (surplus) इस्पात को सस्ता बनाए रखेगा।
- यदि स्टील की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका प्रभाव ऑटोमोबाइल, निर्माण, तेल और गैस जैसे प्रमुख उद्योगों पर पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।
बीते अनुभव और भविष्य के लिए विचार
- अतीत में भी देखा गया है कि संरक्षणवादी व्यापार नीतियाँ (protectionist policies) अर्थव्यवस्था को लाभ से अधिक हानि पहुंचाती हैं।
- 2018 के टैरिफ के कारण निर्माण क्षेत्र में नौकरियाँ घटीं, और 2025 में भी यही दोहराया जा सकता है।
- यदि नए टैरिफ प्रतिशोधी कार्रवाई (retaliation) को प्रेरित करते हैं, तो यह व्यापक व्यापार युद्ध (trade war) को जन्म दे सकता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी।
आगे की राह
- अमेरिका को घरेलू उद्योगों की रक्षा और व्यापार स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।
- एकतरफा टैरिफ (unilateral tariffs) के बजाय, नीति-निर्माताओं को सामूहिक व्यापार समझौतों (collaborative trade agreements) की ओर बढ़ना चाहिए ताकि आर्थिक संकट से बचा जा सके।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था परस्पर जुड़ी हुई है, और व्यापार संरक्षणवाद (trade protectionism) अनपेक्षित आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे न केवल अमेरिका बल्कि उसके व्यापारिक भागीदारों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।