UPPSC Hindi Literature (Optional) Syllabus
प्रश्नपत्र – I (Paper – I)::
भाग-1 हिन्दी भाषा तथा नागरी लिपि का इतिहास
- पालि, प्राकृत एवं अपभ्रंश तथा पुरानी हिन्दी का संक्षिप्त परिचय।
- मध्यकाल में ब्रज और अवधी का काव्य भाषा के रूप में विकास।
- खड़ी बोली साहित्यिक भाषा के रूप में विकास।
- राजभाषा, सम्पर्क भाषा, राष्ट्रभाषा एवं मानक भाषा के रूप मे हिन्दी।
- वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी भाषा की स्थिति।
- हिन्दी भाषा का क्षेत्र और अवधी, ब्रज, खड़ी बोली, भोजपुरी, बुन्देली का क्षेत्र एवं भाषिक विशेषताएं।
- मानक हिन्दी का व्याकरणिक स्वरूप।
- नागरी लिपि का उद्भव और विकास, देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता, समस्यायें और समाधान ।
- हिन्दी शब्द – सम्पदा।
भाग-2 हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परम्परा।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में काल- विभाजन तथा नामकरण ।
- आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल की प्रमुख प्रवृतियां।
- आधुनिक कालः पुनर्जागरण और भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता एवं परवर्ती काव्यधारायें।
(क) हिन्दी उपन्यास, हिन्दी कहानी, हिन्दी नाटक एवं रंगमंचः उद्भव -विकास एवं इनकी अधुनातन प्रवृत्तियां
(ख) हिन्दी निबन्ध तथा अन्य गद्य विधाएँ: जीवनी, आत्मकथा, रेखाचित्र, संस्मरण यात्रा वृतांन्त।
(ग) हिन्दी आलोचना का प्रांरम्भ और विकास। प्रमुख आलोचक: रामचंद्र शुक्ल, नन्ददुलारे बाजपेयी, हजारी प्रसाद द्विवेदी, नगेन्द्र, रामविलास शर्मा, नामवर सिंह, रामस्वरूप चतुर्वेदी।
:: प्रश्न पत्र – II (Paper – II) ::
भाग– प्रथम (Part – I)
इस प्रश्न-पत्र में निर्धारित रचनाओं में से व्याख्या एवं उन पर आलोचनात्मक प्रश्न पूछे जायेंगे।
कबीर ग्रन्थावली, सम्पादक -श्याम सुन्दर दास, साखी संख्या 1 से 100 तक और पद संख्या 1 से 20 तक।
सूरदास (भ्रमरगीत सार) सम्पादक– रामचन्द्र शुक्ल, पद संख्या 51 से 100 (कुल 50 पद)
तुलसीदास– रामचरितमानस उत्तरकाण्ड– (दोहा संख्या- 75 से अन्त तक) । जायसी (पदमावत),
सम्पादक – रामचन्द्र शुक्ल (सिंहलदीप खण्ड और नागमती वियोग खण्ड), बिहारी संग्रह (प्रारम्भ से 100 दोहे तक ) हिन्दी परिषद प्रकाशन, इलाहाबाद।
जयशंकर प्रसाद – कामायनी – (श्रद्धा और इड़ा सर्ग) सुमित्रानन्दन पन्त- नौका बिहार, परिवर्तन, निराला
राम की शक्ति पूजा, अज्ञेय – असाध्यवीणा, मुक्ति बोध- अन्धेरे में, नागार्जुन-बादल को घिरते देखा है, अकाल के बाद।
भाग द्वितीय (Part – II)
नाटक– भारतेन्दु हरिश्चन्द्र अन्धेर नगरी, जयशंकर प्रसाद-स्कन्द गुप्त,
निबन्ध– रामचन्द्र शुक्ल, चिन्तामणि भाग-एक (कविता क्या है, श्रद्धा और भक्ति)। हजारी प्रसाद द्विवेदी -कुटुज (निबन्ध)
उपन्यास– प्रेमचन्द्र-गोदान, फणीश्वरनाथ रेणु- मैला आंचल।
हिन्दी की कहानियां–
1- प्रेमचन्द्र- माँ,
2- जयशंकर प्रसाद- आकाशदीप,
3-अज्ञेय-रोज,
4- राजेन्द्र यादव- जहां लक्ष्मी कैद है,
5- उषा प्रियम्बदा-वापसी।