1.निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
सही प्रकार का समाजीकरण होने पर समाज के सदस्य सामाजिक नियमों के अनुरूप व्यवहार करते हैं। यदि ग़लत समाजीकरण हो जाता है तो विपथगामी व्यवहार में वृद्धि होती है। इसलिए समाजीकरण के दायित्व से सम्बंधित जो व्यक्ति होते हैं, उन पर सामाजिक नियंत्रण का बहुत बड़ा दायित्व होता है। बॉटमोर के अनुसार शिक्षा बच्चे के प्रारंभिक समाजीकरण का सबसे दृढ़ आधार है। शैक्षणिक व्यवस्था नैतिक विचारों को स्पष्ट करके और अंशतः व्यक्ति का बौद्धिक विकास करके सामाजिक नियमों में योगदान देती है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को समाज की विभिन्न इकाइयों से परिचित कराना है। शिक्षा का केवल सैद्धान्तिक महत्व ही नहीं, अपितु उसकी व्यावहारिक उपयोगिता भी है।
सामाजिक नियंत्रण के अन्य साधन जहाँ व्यक्ति को दबावपूर्ण ढंग से सामाजिक नियमों को मानने के लिए बाध्य करते हैं, वहीं शिक्षा उसे स्वतः आत्म-विश्लेषण द्वारा प्रभावशाली ढंग से सामाजिक नियमों का पालन करने की प्रेरणा देती है। एक तो समाजीकरण हमें करुणीय व्यवहार की जानकारी कराता है, दूसरे विपथगामी व्यवहार की निन्दा की भी हमसे अपेक्षा रखता है। अतः करुणीय व्यवहार के बीच संतुलन रखकर समाजीकरण, जो शिक्षा का एक भाग है, समाज में सबसे बड़ी नियंत्रण शक्ति के रूप में कार्य करता है। सामाजिक व्यवस्था की अत्यन्त विपन्न स्थिति से बचाकर सामान्य रूप से सामाजिक क्रियाओं के संचालन में सहायक होता है। परिणामस्वरूप सामाजिक नियंत्रण बना रहता है।
रहता है। शिक्षा का सामाजिक नियंत्रण से दूसरा महत्वपूर्ण कार्य हमारे जीवन में ज्ञान का विकास करना है। जब हमें ज्ञान का विकास होगा तब हम इस स्थिति में होंगे कि अच्छे-बुरे, उचित-अनुचित की पहचान कर सकें। जब हम उचित का अनुभव व अस्वीकार करने लगेंगे तब हम अनुचित व्यवहार को जीवन से हटा देंगे तथा उचित व्यवहार का प्रयोग करेंगे। उचित व्यवहार वही होता है जो सामाजिक मानदण्डों के अनुरूप हो। अतः ज्ञान के विकास के साथ जीवन व्यवहार को समझने तथा उसका पालन करने जितना सामाजिक नियंत्रण स्वतः बना रहेगा। शिक्षा हमें अनेक प्रकार की भावनाएँ, आत्मिक एवं व्यक्तिगत अनुभवों से युक्त होने की प्रेरणा देती है। यही शिक्षा की प्रधान विशेषता है।
एक शिक्षित व्यक्ति में आत्म-नियंत्रण की असीम शक्ति होती है। शिक्षित व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी धैर्यपूर्वक निर्णय लेकर अपने विवेक का परिचय देता है। अतः शिक्षण के माध्यम से शिक्षा का आत्म-नियंत्रण शिक्षार्थी को व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया से जोड़ता है। इसी कारण से कहा गया है कि शिक्षा के स्तर पर नियंत्रण रहने से सामाजिक नियंत्रण स्वस्त: हो जाता है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश का आधार अपने शब्दों में लिखिए। (5 अंक)
(ख) समाजीकरण के लिए सामाजिक नियंत्रण के अन्य साधन से शिक्षा क्यों भिन्न है? (5 अंक)
(ग) गद्यांश की रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए। (20 अंक)
2. सहयोग से ही जीवन है, स्पर्धा तो अन्ततः विनाश और मृत्यु की ओर ले जाती है। हम अपने साथ अन्य को भी लें, यदि वह पीछे जाता है तो उसकी मदद करें। यदि हम सभी परस्पर यह भाव अपनाते हैं तो हम एक-दूसरे के संकट में साथी बनकर एक-दूसरे को बढ़ावों और विकास के मार्ग पर एक-दूसरे को प्रेरित करेंगे। सहयोग की इस प्रक्रिया में ही जीवन की सुगंध है। यदि हम अपना ही स्वार्थ साधने लगें, तब अन्य की योग्यता छीनते हुए कोढ़ी को भी आगे बढ़ाएँगे तो यह स्पर्धा होगी और यह स्पर्धा एक-दूसरे के खिलाफ करते हुए अन्ततः लड़ने-भिड़ने तक पहुँच जाएगी।
एक-दूसरे को विनाश की ओर ले जाने का कारण बनेगी। प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध अपने-अपने साम्राज्य, उपनिवेश तथा व्यापार के क्षेत्र बढ़ाने के संघर्ष का परिणाम थे जिनमें लाखों मरस्तक हुए। वस्तुतः स्वस्थ मानव समाज के लिए विनाश का मार्ग नहीं है। व्यक्ति और राष्ट्र के बीच आपसी सहयोग से ही शान्ति संस्कृतियों सुरक्षित है। वर्तमान में यह जो भौतिकवादपरक और आर्थिक उत्थानपरकता का नारा है, वह विकसित देशों के असीम साम्राज्य बढ़ाने का नवीनतम उपाय है जिसमें विकसित देशों के आपसी हित भी टकरा रहे हैं तथा जिससे नये युद्ध संकट की आशंकाएँ उभर रही हैं।
उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(क) गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए। (5 अंक)
(ख) स्पर्धा और सहयोग में अन्तर स्पष्ट कीजिए। (5 अंक)
(ग) गद्यांश का संक्षेपण (लगभग एक-तिहाई शब्दों में) कीजिए। (20 अंक)
3.
(क) उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक की ओर से ‘का’ जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखिए जिसमें सम्बंधित जिले में आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए कठोर कार्रवाई करने का अनुरोध हो। (10 अंक)
(ख) उप सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सभी राज्य सरकारों को परिपत्र लिखिए जिसमें प्रसूति-पूर्व भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने का आग्रह हो ताकि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान सफल हो सके। (10 अंक)
4.निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए। (10 अंक)
सार्थक, सकाम, पुरस्कृत, पूर्वकालीन, उत्थान, समीप, ईश्वर, कृत्रिम, रोगी, उद्यमी।
5.(क) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्गों का निदर्शन कीजिए। (5 अंक)
दुष्प्रचार, अध्यात्म, अपयश, स्वागत, प्रयास।
(ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्ययों को स्पष्ट कीजिए। (5 अंक)
पाठक, गणनीय, झाड़ू, शक्ति, बलिष्ठ।
6.निम्नलिखित वाक्यांशों या पदबंधों के लिए एक–एक शब्द लिखिए। (10 अंक)
(i) जो कहीं लौटकर आया हो।
(ii) जो अपनी जन्मभूमि छोड़कर विदेश में वास करता हो।
(iii) जिसे समझना बहुत कठिन हो।
(iv) जिस पर अपराध लगाया गया हो।
(v) जो अपनी पत्नी के वश में हो।
8. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्तियों का अर्थ लिखिए और उनका वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए।
(10+20=30 अंक)
(i) कोल्हू का बैल
(ii) गुलाब का फूल
(iii) गंगा नहाना
(iv) घड़े पानी पड़ना
(v) हाथ पीसकर रह देना
(vi) ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर
(vii) काठ की हाँड़ी एक ही बार चढ़ती है
(viii) नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुने
(ix) रस्सी जल गई पर ऐंठन न गई
(x) हाँड़ी लगे न फिक्करारी रंग भी चौखा हो