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अरविंद कुमार सर के निर्देशन में
हिंदी साहित्य सिविल सेवा परीक्षा (साक्षात्कार) हेतु पत्रिका
हिंदी साहित्य पाठ्य सामग्री
Useful website for Hindi Literature
UPSC Previous Years Paper 2014-2023
समसामयिक चर्चा साहित्य और समाज की
भले ही आदिकाल हिंदी साहित्य का आरम्भिक कालखण्ड है किन्तु हिन्दी साहित्य में इसका अप्रतिम योगदान है।कथन की समीक्षा कीजिए।
आदिकालीन हिंदी साहित्य में प्रतिफलित सामाजिक – सांस्कृतिक बोध का मूल्यांकन कीजिए।
योगधारा को काव्यधारा नहीं माना जा सकता। आचार्य शुक्ल के इस कथन पर विचार करते हुए बताइये क्या आप भी सिद्ध-नाथ साहित्य को असाहित्यिक मानते है?तर्कपूर्ण विचार दें।
भक्ति आंदोलन के आविर्भाव में इस्लाम की भूमिका को रेखांकित करते हुए इससे संबंधित विवाद पर प्रकाश डालिए। साथ ही इस प्रश्न पर भी विचार करें कि आचार्य शुक्ल की मान्यतायें कहाँ तक उचित है।
भक्तिकाल लोकधर्म की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है।यद्यपि पूरे भक्तिकाल के दौरान लोकधर्म का स्वरूप तत्संबंधित कवियों की विश्वदृष्टि के अनुरूप परिवर्तनशील रहा है। समीक्षा कीजिये।
छायावादी कविता अंततः कर्मवाद की प्रेरणा देती है। प्रसाद शैव दर्शन के आधार पर निराला अद्वैत और पंत सर्वात्मवाद के आधार पर।
उत्तर छायावाद छायावाद के प्रति प्रतिक्रिया है तो छायावाद का विस्तार भी। इस कथन पर विचार करते हुए उत्तर छायावाद के वैशिष्ट्य का निर्धारण कीजिए।
प्रगतिवाद छायावाद के प्रति प्रतिक्रिया है,यह प्रतिक्रियावादिता उसकी कमजोरी बन जाती है।’विचार कीजिए।
नई कविता’ प्रयोगवाद की तार्किक परिणति है।
निराला ने कविता में अभिजात्य का निषेध नहीं किया बल्कि उन्होंने अभिजात वर्ग को जनोन्मुखी बनाने का संकेत किया है।
दिव्या विकल प्रणय की करुण- गाथा है।आप इस कथन से कहाँ तक सहमत है।
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य इतिहास लेखन में जॉर्ज ग्रियर्सन और मिश्र बंधु की कोशिशों को तार्किक परिणति तक पहुँचाया।कथन पर प्रकाश डालें।
आचार्य शुक्ल और आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी आलोचक और इतिहास लेखक हैके रूप में एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं पूरक है।समीक्षा कीजिए।
‘कविता क्या है’ निबंध आचार्य शुक्ल की कविता विषयक दृष्टिकोण को अभिव्यक्ति देते हुए रसवाद की नए सिरे से व्याख्या करता है। विचार करें।
‘पद्मावत’ पर अभारतीयता का आरोप उचित नहीं है,इसकी प्रकृति देसी है। आप इस कथन से कहाँ तक सहमत है? तर्कपूर्ण उत्तर लिखें।
तुलसी के प्रबंध – कौशल के वैशिष्ट्य का मूल्यांकन कीजिए।
भारतेंदु आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक है,पर उनकी काव्यचेतना अंतर्विरोधी है।इस पर विचार करें।
संभव है कि रीति काल में स्वच्छंदता के कुछ तत्व मौजूद हो,लेकिन रीतिकाल को स्वच्छंदतावाद से जोड़कर देखना उचित नहीं है।
रीतिकालीन साहित्य के समुचित एवं प्रासंगिक आस्वादन के प्रतिमान क्या हो सकते है?
बिहारी की कविता के साक्ष्य से बतलाइये कि कवि की धर्म और दर्शन के क्षेत्र में पैठ थी।”
छायावादी कवियों के लिए प्रकृति एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में आती है जहाँ से वे विभिन्न दिशाओं में प्रस्थान करते हैं। कथन के आलोक में छायावादी प्रवृत्तियों की विशेषताओं को उद्घाटित करें।
यदि प्रबंध काव्य एक विस्तृत वनस्थली है तो मुक्तक काव्य चुना हुआ गुलदस्ता ।
कथन पर विचार करते हुए बिहारी के काव्य कला वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालें।