1.On the basis of contemporary sources asses the nature of banking and usuary in ancient india
समकालीन स्त्रोतों के आधार पर प्राचीन भारत मे बैंक व्यवस्था तथा सूद प्रथा (कुसीद प्रथा ) की समीक्षा कीजिये
2.Trace the role of guilds and trade organizations in the development of early indian economy
प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास मे श्रेणियों (गिल्ड्स ) एवम व्यापारिक संगठनों की भूमिका की रुपरेखा प्रस्तुत कीजिये